Thursday, March 19, 2009

होश में तो रहो !!!


माना आज कल परेशानी में हो बहुत

इतनी है गुजारिश मगर होश में तो रहो

खिज़ा को मुहलत है थोडी देर को ही

थामने को दामन_ऐ_बहार जोश में तो रहो

अच्छा नहीं यूँ ख़ुद को भी भुला देना

गुस्ताखी _ऐ_गैर के लिए ख़ुद को सज़ा देना

जिंदगी एक जाम भी हैं ज़हर भी हैं

क्या है ज़रूरत जाम _ऐ_ज़हर होठों से लगा लेना

mastii_ऐ_नज़र अब वो रोनक _ऐ_रूख क्यो नहीं

तड़प और बहाली का आलम ये दिल का सुकून क्यो नहीं

अफसुर्दा_अफसुर्दा सी नज़र आती हो आज कल

अब वो अदाएं जलवायें सितम का जूनून क्यो नहीं

इज़हार_ऐ_दिल की बेपर्दगी के अफ़सोस मे तो रहो

बहारों में घूमो नज्जार_ऐ_शोख मे तो रहो

जिंदगी नही है सिफत टुकडो में जीना

नहीं हैं खुशी जाम_ऐ_गम में ख़ुद को डुबो देना

तुम्हारे जैसे गम_ऐ_मुहब्बत मेरे साथ भी हैं

नफस रूक रूक के भले चले न सदायें कजा देना

न रहो तन्हाँ , हमेशा महफिले शोख में तो रहो


हंसतीरहो सदा, मूड_ऐ_जोक में तो रहो

फ़िर तेरी महफ़िल में रंगों की छत्ता आएगी

जुल्फ तेरी लहराएगी तो फ़िर घटा छायेगी

होठों पे थिरकती है क्यो सदा_ऐ_सहरा

फ़िर तर्रनुम मचलेंगे उल्फत की सदा आएगी

कैसे मिलेंगे हम फ़िर होली इस सोच में तो रहो

बेलने के लिए पापड़ आलम_ऐ_maynosh मे तो रहो !!!

शेर

ये तेरी काजल से भी काली आखें
मिठाई से भी मीठी तेरी बातें
लब_ऐ_गुन्चएं गुलज़ार हैं तेरे
ला रहीं हैं बाद_ऐ_सबा तेरी यादें !!!

Friday, March 13, 2009

मलते रहें लोग गुलाल
कितना ही
गाल हो पाता नहीं तुम्हारा
लाल है ।
लूटते हैं सब वाहवाही
खुदबखुद
वाह वाह गाल के तुम्हारी क्या बात है !!

होली !!!!!!


गुलशन में बहार आई है

हर कली आज मुस्कुराई है

कुछ न पूछो भौरों के दिल में

आज क्या आई है _

'देखो चन्द कलियाँ खिली हैं

एक दुसरे को सुना रहा है

जिसके जी मे जो आता है

वही वह गुनगुना रहा है

उदास गुलों पर भी

आज तो रौनक आई है

देख कर फिजा को रंगीन

नर्गिस ने भी आँख झपकाई है

जवान दिलो मे देखो

अब प्यार मचलने लगा है

आज सड़क छाप हर दीवाना

शीशे के सामने सवरने लगा है ।

आज तो करीब से बोलो

न दूर से इशारा करो

आज ही तो वक्त है

कहने का बस इरादा करो

जनाबों के गले में पड़ी मालाएं

गुलाब के पहलू मे जूही पड़ी है

ये जो प्लेट लिए आई है

देखो तो पूरी फुलझडी है ।

कहती है देर न करो

अब जल्दी से सफाया करो

कभी कभी तो मिलते है मौके

कभी तो आँख मिलाया करो

हँसने_हँसाने का वक्त है

न तुम शरमाया करो

कभी खाया करो किसी से

तो कभी किसी को खिलाया करो

हर गली में हर सड़क पर

एक ही गीत बज रहा है

हर हिन्दुस्तानी एक दूसरे से

बन के bhaai गले मिल रहा है

कोई सलाम कोई बंदगी

कोई गुलाल मॉल रहा है

कोई होके फाग मे मस्त

बयान_ऐ_ फ़साना सुना रहा है

कितनी भीड़ भरी है sadken

कितनी ज़माते साथ चल रही हैं

दिल में आया तो साथ पकडा

वरना कोई अकेला चल रहा है

हर तरफ़ गौर से देखो

मुकद्दर की सुबह आई है

तमाम खैरात ले के आज

देखो कैसी होली आई है !!!

जामे शराब चढी हुई सात
घंटे में उतर जाए तो क्या गम है
मय_ऐ_निगाह सात जनम में
उतर पाये तो भी कम है !!
किसी ने रंग लगाया
किसी ने रंग छुडाया
जो कुछ हुआ, मेरे साथ
तुम्हारा क्या गया !!!
हम बढे हौले_हौले
वो बढे हौले_हौले
होली में मिले गले
हम हौले _हौले !!
कोई रंग लगाता रहा
कोई धुलाता रहा
हाथों मे गुझिया और साथ में
मय_ऐ_निगाह पिलाता रहा


रंग पोतपात के

कोई गुझिया खिला जाएगा

ये दिल ऐसे ही थोड़े

बहल जाएगा

आईने में देख रहे थे
वो बार बार
आईना ताब न ला सका
और चटक गया !!
पिलाना फ़र्ज़ था
कुछ तो पिलाया होता
सागर नहीं था तो
आखों से पिलाया होता !!
पिलाना फ़र्ज़ था
कुछ तो पिलाया होता
सागर नहीं था तो
आखों से पिलाया होता !!

आखें तुम्हारी ....!!!!

आखें तुम्हारी गुलाबी _गुलाबी
लगता आज तुमने भी छानी
पिया हमने लज्जिशें तुम्हारी
होश में न आने की ठानी !!!!

लोगों से कहते हो तुम
हमने पिया रंगीन पानी
बीती शब् को भूल गए
साथ में तुमने भी तो छानी !!!!!

होली पर.......

खुदा करे होली यूँ ही
रोज रोज आती रहे
मैं तुझे रंग लगाता रहूँ
तू रंग chudaati रहे.....!!!

Wednesday, March 4, 2009

रंजो गम जमाने के

रंजो गम जमाने के सह गया
लब पे ना shikwa ना gila
कदम आगे बढ़ा के हटाया
आख़िर तुम्हे क्या मिला .

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ROM ROM SE KARUNAMAY, ADHARO PE MRIDU HAAS LIYE, VAANI SE JISKI BAHTI NIRJHARI, SAMARPIT "RATAN" K PRAAN USEY !!!