अपनों को छोड़ कर परायो पर भरोसा
रखने वाला ।
कट जाते हैं जैसे बकरे अम्मा के खैर
मनाते मनाते ॥
Sunday, August 1, 2010
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" मेरी rachnaaye हैं सिर्फ अभिव्यक्ति का maadhyam , 'एक कहानी samjhe बनना फिर जीवन कश्मीर महाभारत ! "
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