आकाश के चाँद-सितारों को तोड़ दामन तेरा क्या भर नहीं सकत?
तेरे लिए सभी कुछ गोया मिट्टी के खिलौने के सिवा कुछ न होंगे,
इसे क्या मेरे लिए तू इंतजामे- हाले- सफर क्यूँ नहीं समझ सकता ?
राजीव रत्नेश
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" मेरी rachnaaye हैं सिर्फ अभिव्यक्ति का maadhyam , 'एक कहानी samjhe बनना फिर जीवन कश्मीर महाभारत ! "
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