Friday, November 7, 2025
डिजिट लाइजेशन और भारत का विकास ( लेख)**************************** बीते हुए करीब 12 वर्षों में भारत सरकार ने डिजिटलाइजेशन का जो सपना देखा है, उसको साकार करने में सरकार ने येन-केन-प्रकारेणअपनी सारी सामर्थ्य झोंक दी है/सरकारी आफिसेज में पेपरलेस काम काज हो रहे हैं/ यहाँ तक असर पड़ा हैकि सरकारी और गैर सरकारी बैंकों में भी एक, दो तथा पाँच के नोट नहीं दिखाई पड़ते हैं/ सिर्फ सिक्कों की बरसात होती है और उनका हाल ये है कि मारकेट से सिक्के भी गायब हैं/हर कोई डिजिटल लेन-देन में व्यस्त है/ पिछले जमाने में जबकि भारत में पुराने राजे-रजवाड़े थे/ मुद्रा के नाम पर मुहरों का आदान-प्रदान होता था/उसके भी पहले कृषि- प्रधान भारत में अनाज के बदले सामान की व्यवस्था थी/ विदेशी आक्रांताओं महमूद गजनवी द्वारा सत्रह बार और मोहम्मद गोरी द्वारा इक्कीस बार के आर्यावर्त पर किए गए आक्रमणों से सोमनाथआदि मंदिरों की अथाह सांस्कृतिकविरासत मणि- माणिक- मुक्ताएँ और सोने-चाँदी तथा हीरे-जवाहरात बड़ीबेदर्दी से लूटे गए/ मंदिरों को तोड़ा गया और कीमती मूर्तियों को यवनों के द्वारा बाहर ले जाया गया पर भारत कीअथाह संपदा खत्म नहीं हुई/ भारत आज भी सोने का सबसे बड़ा निर्यातक देश बना हुआ है/ डिजीटल लेन-देन ने सबसे अधिक इस युग के बुजुर्गों यथा-----किसानों, मजदूरों तथा सरकारी, गैरसरकारी कर्मचारियों को हैरान और परेशान किया है, जिनके पास न मोबाइल है न मोबाइल से संबंधित डिजिटल लेन-देन की जानकारी/ सरकार भी शायद अब यही समझती है कि बुजुर्गों की यह खेप आखिर कब तक जीवित रहेगी/ उनके जीने से कोई फायदा नहीं और मरने से कोई नुकसान नही बल्कि फायदा ही फायदा है/ वो तो भारत को माडर्नडिजिटलाइजेशन से जोड़ कर बिटक्वाइन का प्रचलन करने में अपने को सिद्ध हस्त करने की आकांक्षासंजोए वर्तमान पुरानी खेप की अर्थी तैय्यार करने में ही अपना हस्तलाघवसमझती है/ महर्षियों तथा विद्वानों ने मनुष्य की औसत आयु सौ वर्ष मानी है/ सरकारी आंकड़ों में औसत आयु सत्तर पर पहुँच गई है/ " व्रद्धों की सेवा व सत्कार करने वाले दीर्घायु, विद्या, यश और बल केअधिकारी होते हैं" वृद्धों के अनुभवों से लाभ उठानासर्वथा उचित है/ ---- महर्षि मनु------ आज के अखबार में पाया कि सरकारी रिटायर्ड कर्मचारी की यदि मृत्यु 67 वर्ष के पहले हो जाती है तो उसकी फैमिली को पेंशन, उसके जन्म से 67 वर्ष बाद बढ़ी हुई पेंशन नहीं दी जाएगी बल्कि सामान्य पेंशन ही दी जाएगी/ मुझे हैरत हुई कि इस आदेश ने तो अपने कर्मचारियों की मौत की औसत क्या अधिकतम आयु 67 वर्षहर हालत में निर्धारित कर दी है/ सबसे बड़ी बात जो खटकने वाली यह है कि पेंशनभोगी अब बचे ही कितने हैं, उन्हें भी मिटाने के लिएयह सरकार कमर कसे हुए है/ गौरतलब बात यह है कि आयुसीमा नेताओं पर लागू नहीं होती/ वे जीवनभर, रिटायर होने पर भी पूरी पेंशन के हकदार हैं/ भले वे 80-100 वर्ष तक जियें या शायद कभी मृत्यु को ही प्राप्त न हों/( तुम जियो हजारों साल, ये है मेरी आरजू/ हैप्पी बर्थ-डे टू यू सुनीता,हैप्पी बर्थ - डे टू यू) जनवरी 14, 2000 को सबसे पहले उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड बनाया गया/ जिसकी मूलभूत यथार्थता ये थीकि निगम में नौकरी पाने वालों को तथा जो डिसिज्ड कर्मचारी होंगे उनकीभी पेंशन नहीं होगी/ इसके बाद अन्य डिपार्टमेंन्ट्स में भी यह व्यवस्था सन 2004 से लागू हो चुकी है/ पावर कारपोरेशन को भी और डिपार्टमेन्ट्स की तरह कमीशन के लालच में प्राइवेट करने की पुरजोर कवायद की जा रही है/ भारत के ही गाँवों में तथा शहरों में ही हजारों मंदिर बंद पड़े हैं,जिनमें पूजा- पाठ नहीं होती/ दिया- बाती नहीं होती/ कोई पुजारी- पंडित भी वहाँ नहीं है, जो कहीं-कहीं है भी वो भी नदारद रहते हैं/ उसे तो कोई देवी- देवता अथवा राम- कृष्ण जन्मभूमि भी नहीं कहता/ उससे कोईआफत भी नहीं आई जाती है/ बाबरी-मस्जिद विध्वंस के बाद अब तो हर मस्जिद में मंदिर ढूँढ़ने की खुदाई तककी कवायद की जाने लगी है/ कहने वाले तो" ताजमहल" को भी" शिव- मंदिर" कहते हैं/ भगवान न करे कि भारत की वह सांस्कृतिक धरोहरसाजिशकर्ताओं की जद में आ पाए/ . भावी पीढ़ी का यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके बुजुर्ग कब तक रिहाइश महसूस करते हैं/ सरकारी नौकरी मिलना अब एक अजूबे के सिवा कुछ नहीं है/ बेरोजगार नौजवान डिग्रियों की फाइल और लैपटाप केधे पर ढोते हुए, जूते के फीते को कसे हुए नौकरी की तलाश में दर-दर ठोकरें खाते हुए भटक रहे है/ " औरों को सौंपा अपना फूलों का बिस्तर, मेरे हिस्से में रखे तुमने सिर्फ खार- बबूल/ आज के सरकारी आदेश के अनुसार रिटायरमेंट की उमर 60( सरकारी कर्मचारियों के लिए), 62 वर्ष( इंटर तक की शिक्षक वर्ग के लिए) तथा 65 वर्ष( डिग्री कालेजेज तथा यूनिवर्सिटीज के लेक्चरर्स और प्रोफेसर्स के लिए) निर्देशित है/ सरकार की मंशा 2 वर्ष, 5 वर्ष तथाअधिकतम सात वर्ष तक ही( जो पुराने हैं और पेंशन के हकदार है) पेंशन देनेकी है/ तत्पश्चात उनकी फैमिली का भले ही सवा- सत्यानाश हो जाए/जब तक जिओ काम करो उसके बाद तो मतदाता सूची से ही नाम निकाल दिया जाएगा/ और भारतीय होने कीअपनी नागरिकता ही खो देना पड़ेगा/जब तक सरकारी तंत्र भ्रष्ट है, यही होने वाला है/ पायल की झंकार रस्ते- रस्ते, सिक्कों की बरसात रस्ते- रस्ते/ हम तुम साथ- साथ रस्ते- रस्ते, बरसे तेरा एहसास रस्ते- रस्ते// आजकल कैशलेश इलाज का बड़ा बोलबाला है पर कितने इसका लाभ उठा पाते है या यह अफवाह मात्र ही है, जो मर्ज को मारे न मारे, मरीज को अलबत्ता मार देती है/ इस सत्या सत्य का निस्तारण तो वे स्वास्थ्य बीमा कंपनियाँ ही कर सकती हैं जो भारी-भरकम रकम मरीज से पहले ही ऐंठ चुकी होती हैं/ कहाँ तो यह सरकार वृद्धाश्रमों की संख्या में विस्तार देने की सोचती और उनकी सुविधाएँ बढ़ाने पर विचार करती पर मुझे तो ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार की मंशा यही है कि, " हम तो डूबेंगे सनम, तुमको भी ले डूबेंगे/" कहाँ तो हमारी सरकार बेरोजगार युवाओं के लिए भारत जैसे कृषि- प्रधान देश में बेहतर कृषि का पायदान बनाती पर यहाँ तो परिपाटी ही उल्टी है/नगरों- महानगरों में कृषियोग्य जमीन ही उपलब्ध नहीं है जो है भी, बहुमंजिली इमारतों ने वह जगह हथिया ली है/ कहाँ तो जंगल संरक्षित किए जाते, झील- झरनों, तालाबों और नदियों को सुरक्षित किया जाता पर यहाँ पर तालाबों और झीलों- कुओं को भी पाट कर व्यवसायिक रिहायशी रिजार्ट में तब्दील किया जा रहा है/ इस खबर से ही कि कल मंत्री जी पौधारोपण करेंगे, रातों-रात जंगल काट कर समतल किया जाता है/भले ही मंत्री जी आम, कटहल तथा नीम आदि न लगा कर वे ही पौध लगाएँ और लगवाएँ, जो पृथ्वी को ऊसर बनाते हैं/फुटपाथों पर पेड़ लगा कर उनको भी घेरा जा रहा है कि राहगीरों का पैदल चलना भी मुदाल हो जाए// राजीव " रत्नेश" 3 नवंबर 2025 """""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
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