मुहब्बत की झूठी कहानी जबरन रुलाती रही/
तेरी शादी के बाद, अपने से बंद की तेरी फाइल,
लौट के तेरे दुबारा आने से, फिर से खुल गई//
राजीव रत्नेश
" मेरी rachnaaye हैं सिर्फ अभिव्यक्ति का maadhyam , 'एक कहानी samjhe बनना फिर जीवन कश्मीर महाभारत ! "
No comments:
Post a Comment