Tuesday, November 4, 2025

शेर

ब्लाग मेरा मंजिल पे आके ठहराव नहीं है,
दरिया का बहता पानी है, कोई जमाव नहीं है/
जीते जी मरघट की खामोशी न बन,
चलेगी न तेरी धींगामुश्ती, तेरे लिए कोई जुगाड़ नहीं है//

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ROM ROM SE KARUNAMAY, ADHARO PE MRIDU HAAS LIYE, VAANI SE JISKI BAHTI NIRJHARI, SAMARPIT "RATAN" K PRAAN USEY !!!