मेरे तो जीते जी मेरा सब कुछ लूट लिया गया/
डायरियाँ गईं, आडियो-वीडियो कैसेट्स, सीडी, MP-3 गया,
एक तस्वीर उसकी थी, विभिन्न भंगिमाओं में मेरी खींची हुई/
ले जाने वाला मेरे सारे एल्बम खाली कर गया बिना हथियार के,
अपनी तरफ से उसने जीते जी मेरी दाह- क्रिया संपूर्ण कर दी/
खस्ताहाल हूँ कहने को मेरा कुछ नहीं, मेरे अपने ही घर में,
गर्दिशे- हालात का मारा हूँ, नहीं कोई साजो-सामान पास मेरे/
वक्त की दुकान से खरीदा गया तंबूरा हूँ,
या किसी कबाड़ी की दुकान का जखीरा हूँ//
राजीव" रत्नेश"
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