उनकी हर खुशी और गम में शामिल होते रहे/
आए वो आखिरी वक्त, मेरी चिता को आग देने,
मुझे पंचभूतों में मिल जाने की दुआ देते रहे/
राजीव रत्नेश
" मेरी rachnaaye हैं सिर्फ अभिव्यक्ति का maadhyam , 'एक कहानी samjhe बनना फिर जीवन कश्मीर महाभारत ! "
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