Wednesday, November 5, 2025

रामचरित मानस से

सीताराम चरन रति मोरें
अनुदिन बढ़ऊ अनुग्रह तोरें

जेहि विधि नाथ होइ हित मोरा
करहु सो बेगि दास मैं तोरा

नवधा भक्ति
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1. जीवन में संत का संग
2. भगवान के कथा- प्रसंगों में प्रेम हो जाय
3. मान रहित होकर गुरु की सेवा
4. भगवान का कपटरहित गुणगान
5. विश्वास सहित भगवान के एक मंत्र का जाप
6. जीवन की सज्जनता, शीलता के साथ अपने कर्तव्य का पालन
7. सबको एक समान देखना और संत का सम्मान भगवान से अधिक
करना
8. लाभ हो रहा है उसी में संतुष्ट रहना और सपने में किसी की बुराई न करना
9. जीवन में सहज और सरल हो जाना तथा भगवान के भरोसे हो जाना//

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ROM ROM SE KARUNAMAY, ADHARO PE MRIDU HAAS LIYE, VAANI SE JISKI BAHTI NIRJHARI, SAMARPIT "RATAN" K PRAAN USEY !!!