अनुदिन बढ़ऊ अनुग्रह तोरें
जेहि विधि नाथ होइ हित मोरा
करहु सो बेगि दास मैं तोरा
नवधा भक्ति
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1. जीवन में संत का संग
2. भगवान के कथा- प्रसंगों में प्रेम हो जाय
3. मान रहित होकर गुरु की सेवा
4. भगवान का कपटरहित गुणगान
5. विश्वास सहित भगवान के एक मंत्र का जाप
6. जीवन की सज्जनता, शीलता के साथ अपने कर्तव्य का पालन
7. सबको एक समान देखना और संत का सम्मान भगवान से अधिक
करना
8. लाभ हो रहा है उसी में संतुष्ट रहना और सपने में किसी की बुराई न करना
9. जीवन में सहज और सरल हो जाना तथा भगवान के भरोसे हो जाना//

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