Wednesday, May 28, 2025

शेर : कोई साकी ने रही

पिलाने को कोई साकी न रही
हमपे कोई रात भारी न रही
निकल जाते हैं उस राह पर
जिधर कोई आवाजाही न रही

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ROM ROM SE KARUNAMAY, ADHARO PE MRIDU HAAS LIYE, VAANI SE JISKI BAHTI NIRJHARI, SAMARPIT "RATAN" K PRAAN USEY !!!