Monday, September 22, 2025

मुक्तक

मुक्तक
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गजल लिखने को,
कुछ सामान तो चाहिए/
तुम नहीं तो,
तुम्हारा अहसास तो चाहिए/
बिक जाते बेमोल हम,
तुम्हारी इक मुस्कान तो चाहिए/
हुनर है तुम्हारे पास,
बस जुबां ही तो चाहिए/

मुक्तक
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तेरे दिए जख्म,
गुलाब बन कर महकते हैं/
इसी बहाने तुझे हम,
हर वक्त याद करते हैं/
चारागर कोई नहीं,
जहां में सिवा तुम्हारे/
इसीलिए सिर्फ तुम्हीं से,
हन प्यार करते हैं//
     राजीव रत्नेश

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