Sunday, September 21, 2025

अपना बसा- बसाया घर---!!!

अपना बसा- बसाया घर

तेरे दिए दर्द से तनहाइयों में,
न तड़पूँगा मैं अब किसी तरह,
मुहब्बत तेरी याद कर अँगड़ारयों में,
न समेटूँगा बदन किसी तरह/
अपना न समझा तूने, नहीं है तुझसे,
इस बात की शिकायत मुझको,
तेरी याद की निशानियों से,
अब न बहलूँगा किसी तरह/
पुरानी बोतल पे नया लेबल लगा के,
सनम सबको पिलाना होगा,
अपना बसा- बसाया घर" रतन",
तुम्हें छोड़ के जाना होगा किसी तरह/

       राजीव " रत्नेश"

No comments:

About Me

My photo
ROM ROM SE KARUNAMAY, ADHARO PE MRIDU HAAS LIYE, VAANI SE JISKI BAHTI NIRJHARI, SAMARPIT "RATAN" K PRAAN USEY !!!