Friday, September 26, 2025

अशआर

(१)
दर्दे- मुहब्बत है या यह दर्दे- सर है,
दिल में अच्छा-खासा असर है/
हम समझाते रहे, न समझ सके तुम,
लगता है हमारी मुहब्बत में कसर है//

(२)
सुबह को शाम कर, दिन को रात कर,
छक के पिया साकी, आज का उधार कर/
पहलू में बैठ कर कब तक पिलाती रहेगी,
इससे बेहतर है, मयखाना मेरे नाम कर//

( 3)
कुछ और भी चाहिए सनम मुझे तुमसे,
निगाहें थक गई हैं, शबाबो- हुस्न तकते- तकते//

       राजीव" रत्नेश"

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