शेर( इक झलक दिखला जा)
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रातों की नींद गायब हो, इसके पहले
इक झलक दिखला जा,
और आकर करीब मुझको
अपनी नजर लगा जा,
भूल जाएँगे तो मुहब्बत का
दो दूनी चार याद आएगा,
खुदा क्या है, आकर दिल में
अपनी चाहत जगा जा//
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