साथ मे देने को कुछ न था ,
तो बाज़ार से ही मंगाया होता ।
चीनी भी नहीं थी पास तुम्हारे,
तो पानी मे नमक ही मिलाया होता ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
" मेरी rachnaaye हैं सिर्फ अभिव्यक्ति का maadhyam , 'एक कहानी samjhe बनना फिर जीवन कश्मीर महाभारत ! "
No comments:
Post a Comment