तेरी याद कुछ इस तरह दिल को सताती है
जैसे जल बिन मछली tadpadaati है
सवेरे का सूरज उगते ही तू याद आती है
और रात ढले तक तू दिल से नहीं जाती है । ।
Monday, April 6, 2009
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" मेरी rachnaaye हैं सिर्फ अभिव्यक्ति का maadhyam , 'एक कहानी samjhe बनना फिर जीवन कश्मीर महाभारत ! "
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