कहीं दुश्मनी में कमी हो न जाये
दुश्मनी कहीं दोस्ती हो न जाये
तुम लगाकर ठोकर फिर गले लगाओ
कहीं इससे मुहब्बत सस्ती हो न जाये
तुम्हारी मुहब्बत कहीं फिर खेल न खेले
कहीं दुनिया मेरे लिए अजनबी हो न जाये
अदा चित्ताकर्षक अंदाज़ शायराना
कहीं क़यामत अभी हो न जाये
मैं तुमसे सिर्फ एक जाम माँगू
कहीं तुमसे कजअदाई हो न जाये
न करो मुझसे बातें इस तरह सनम
कहीं ज़माना तुम्हारा मुद्दई हो न जाये
तोहमतें मुझपर तुम्हारी निशानी हैं
कहीं मौत ही मेरी जिंदगी हो न जाये
नफ़रत का जज्बा कहीं खत्म हो न जाये
कहीं आतिशेदिल ठंडी हो न जाये
चंद महीनों का ही साथ रहा मेरा तुमसे
कहीं फिर यह दूरी नजदीकी हो न जाये
तुमको करीब पाकर मैं पशेमान हो जाता हूँ
कहीं मेरा साथ तुम्हारे लिए परेशानी हो न जाये
तुमसे बातें भी करूँ तो अब किस तरह 'रतन'
कहीं फिर मुहब्बत की बदगुमानी हो न जाये
------------ ----------- ------------ -------------
बर्बादी ए किस्मत का तमाशा देखा
न पूछो इस दुनिया में क्या देखा
साकी मेरे पास लाइ पैगामेउल्फ़त
मगर दूसरे के हाथ में पैमाना देखा
------------- ------------ ------------ -------------
दुश्मनी कहीं दोस्ती हो न जाये
तुम लगाकर ठोकर फिर गले लगाओ
कहीं इससे मुहब्बत सस्ती हो न जाये
तुम्हारी मुहब्बत कहीं फिर खेल न खेले
कहीं दुनिया मेरे लिए अजनबी हो न जाये
अदा चित्ताकर्षक अंदाज़ शायराना
कहीं क़यामत अभी हो न जाये
मैं तुमसे सिर्फ एक जाम माँगू
कहीं तुमसे कजअदाई हो न जाये
न करो मुझसे बातें इस तरह सनम
कहीं ज़माना तुम्हारा मुद्दई हो न जाये
तोहमतें मुझपर तुम्हारी निशानी हैं
कहीं मौत ही मेरी जिंदगी हो न जाये
नफ़रत का जज्बा कहीं खत्म हो न जाये
कहीं आतिशेदिल ठंडी हो न जाये
चंद महीनों का ही साथ रहा मेरा तुमसे
कहीं फिर यह दूरी नजदीकी हो न जाये
तुमको करीब पाकर मैं पशेमान हो जाता हूँ
कहीं मेरा साथ तुम्हारे लिए परेशानी हो न जाये
तुमसे बातें भी करूँ तो अब किस तरह 'रतन'
कहीं फिर मुहब्बत की बदगुमानी हो न जाये
------------ ----------- ------------ -------------
बर्बादी ए किस्मत का तमाशा देखा
न पूछो इस दुनिया में क्या देखा
साकी मेरे पास लाइ पैगामेउल्फ़त
मगर दूसरे के हाथ में पैमाना देखा
------------- ------------ ------------ -------------
No comments:
Post a Comment