ग़ज़ल लिखने का कुछ
सामान तो चाहिए
तुम नहीं तो तुम्हारा
अहसास तो चाहिए ।
बिक जाते बेमोल हम
जो तुम मुस्कुरा देते
हुनर है तुम्हारे पास
बस जुबां तो चाहिए ।
Tuesday, March 23, 2010
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" मेरी rachnaaye हैं सिर्फ अभिव्यक्ति का maadhyam , 'एक कहानी samjhe बनना फिर जीवन कश्मीर महाभारत ! "
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