क्या करेगा कोई इस मोहब्बत के नाम से,
वाकिफ नही हम भी इसके अंजाम से,
खुदा नज़र_ए_बद से बचाए,
तुझे हर हाल मे, हमारा क्या है,
हमने काटे माह_ओ_साल इंतज़ार मी !!!!!!
Friday, January 25, 2008
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" मेरी rachnaaye हैं सिर्फ अभिव्यक्ति का maadhyam , 'एक कहानी samjhe बनना फिर जीवन कश्मीर महाभारत ! "
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