तेरे दिए ज़ख्म गुलाब बन कर
महकते हैं
इसीबहाने तुझे हम हर वक्त
याद करते हैं
चारागर कोई नहीं जहाँ मे
सिवा तुम्हारे
इसीलिए सिर्फ़ तुम्ही से हम
प्यार करते हैं ।
Friday, February 13, 2009
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" मेरी rachnaaye हैं सिर्फ अभिव्यक्ति का maadhyam , 'एक कहानी samjhe बनना फिर जीवन कश्मीर महाभारत ! "
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