" मेरी rachnaaye हैं सिर्फ अभिव्यक्ति का maadhyam , 'एक कहानी samjhe बनना फिर जीवन कश्मीर महाभारत ! "
सवालात- ऐ- तरके वफ़ा पे
तू क्यो खामोश हो गया
बात तेरी नही है
ये सवाल है सरे ज़माने से.
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