Wednesday, December 25, 2019

जाने तुमने क्या किया हम क्या समझ बैठे
हम तुमसे बेइन्तहां मोहब्बत कर बैठे

दीवानों ने तेरी गली का रास्ता छोड़ा
क्या कह डाला उनसे शरमाते शरमाते

दुश्मन बना जमाना कफ़स बना मैखाना
ये कैसी अदा दिखाई मुझको बैठे ठाले

इरादा न था बिस्मिल दिल तुझे दिखाएँ
जख्म ही ऐसा दिया न कर पाए हीले हवाले

माथे की बिन्दी चाँद में दाग सी लगाती
नथ ने कर दिया हाल बेहाल जाने अनजाने

इंतजार में तेरे खाक कर दी अपनी दुनिया
रोये इतना कि उफन गए सारे नदी नाले

रात की तड़प शाम हुए तक नहीं जाती
फिर आती है रात हो जाती सुबह के हवाले

तारीफ तेरी सब हवा हवाई नसीहत बेकार
मिल जा हमसे शुरू हों उल्फत के सिलसिले

संग है तू सितमगर भी तू देखी तेरी दरियादिली
कर कुछ ऐसा टल जाए मौत तेरे आने के बहाने

फासले हो गए तेरी राह मेरी राह से अलग
कुछ तो करो रतन मिल जाएँ दोनों काफ़िले

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