कभी दूर रह के भी
पास नज़र आते हो
कभी नज़दीक रह कर भी
दूर नज़र आते हो
कभी नज़र मिलाते हो
कभी नज़र चुराते हो
कभी सामने आते हो
कभी शर्माते हो !!!
Wednesday, December 31, 2008
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" मेरी rachnaaye हैं सिर्फ अभिव्यक्ति का maadhyam , 'एक कहानी samjhe बनना फिर जीवन कश्मीर महाभारत ! "
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