दिल की दिल मे ही रहे तो अच्छा है ,
रहे दिल शाद तेरा तो अच्छा है ।
तुम चाहते हो हमें और हम तुम्हे
दिल को बहलाने को ख़याल अच्छा है ।
महफ़िल मे नज़रे चुराओ भले,
ज़माने से बचने को हुनर अच्छा है ।
हम भी तो देख कर अनदेखी करते
मिल जाओ राहों मे खयाली पुलाव अच्छा है ।
चला हूँ मकतल की जानिब बेखबर
farmaan ho jaye सरकारी तो अच्छा है।
कहने को तो तुम दूर हो हमसे,
दिल से दूर तड़प हो जाए तो अच्छा है।
रोज़ की कवायद है तेरे घर तक
प्यार मंजिल पे आ जाए तो अच्छा है।
हम भी ढूंढ लेंगे तुमको "रतन"
ख़ुद आ जाओ राहों मे तो अच्छा है !!!!!
Sunday, December 14, 2008
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