गुलशन में बहार आई है
हर कली आज मुस्कुराई है
कुछ न पूछो भौरों के दिल में
आज क्या आई है _
'देखो चन्द कलियाँ खिली हैं
एक दुसरे को सुना रहा है
जिसके जी मे जो आता है
वही वह गुनगुना रहा है
उदास गुलों पर भी
आज तो रौनक आई है
देख कर फिजा को रंगीन
नर्गिस ने भी आँख झपकाई है
जवान दिलो मे देखो
अब प्यार मचलने लगा है
आज सड़क छाप हर दीवाना
शीशे के सामने सवरने लगा है ।
आज तो करीब से बोलो
न दूर से इशारा करो
आज ही तो वक्त है
कहने का बस इरादा करो
जनाबों के गले में पड़ी मालाएं
गुलाब के पहलू मे जूही पड़ी है
ये जो प्लेट लिए आई है
देखो तो पूरी फुलझडी है ।
कहती है देर न करो
अब जल्दी से सफाया करो
कभी कभी तो मिलते है मौके
कभी तो आँख मिलाया करो
हँसने_हँसाने का वक्त है
न तुम शरमाया करो
कभी खाया करो किसी से
तो कभी किसी को खिलाया करो
हर गली में हर सड़क पर
एक ही गीत बज रहा है
हर हिन्दुस्तानी एक दूसरे से
बन के bhaai गले मिल रहा है
कोई सलाम कोई बंदगी
कोई गुलाल मॉल रहा है
कोई होके फाग मे मस्त
बयान_ऐ_ फ़साना सुना रहा है
कितनी भीड़ भरी है sadken
कितनी ज़माते साथ चल रही हैं
दिल में आया तो साथ पकडा
वरना कोई अकेला चल रहा है
हर तरफ़ गौर से देखो
मुकद्दर की सुबह आई है
तमाम खैरात ले के आज
देखो कैसी होली आई है !!!
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