मौके की बात तुम समझ न पाओगी,
माँगूगा चाय तो तुम शरबते- दीदार पिलाओगी,
दर्दे दिल की बात करूंगा, तुम दवा बताओगी!
मेरी बीमारी का इलाज करो, तुम्हारा काम नहीं,
मुहब्बत तुम करोगी, तुम्हारा काम नहीं!!
मैं तुमसे जामुन माँगू, तू आम लाएगी,
जामे- शराब से मेरे दिल में आग लगाओगी,
इक कहकहा महफिल में तेरे गूँजेगा,
कोई माँगे पानी तो तुम भाग जाओगी!
तेरी-मेरी मुहब्बत में इन्तकाम नहीं,
मुहब्बत तुम करोगी, तुम्हारा काम नहीं!!
जिस दिन से गई हो, तुम शहर छोड़ कर,
चमन का गुँचा- गुँचा उदासी की लहर में डूबा,
तुम्हारी इक मुस्कान के एवज में सारा जमाना,
मुकम्मल यकीन हो मेरा, नहीं तुमसे कोई मर्तबा!
मेरे पास बदलते मौसम का कोई इलाज नहीं,
मुहब्बत तुम करोगी, तुम्हारा काम नहीं!!
महफिल जमानी हो तो जमाओ तुम शौक से,
दिल ही जलाना है तो जलाओ तुम शौक से,
मेरी तुम्हारी कोई यारी, कोई जोड़ी नहीं,
आग लगाओ हर सूं, जान लो किसी की तुम शौक से!
मैं तेरी मुहब्बत का तलबगार नहीं,
मुहब्बत तुम करोगी, तुम्हारा काम नहीं!!
चाँद क्या है? तुम्हारे माथे की बिंदिया,
सूरज है नगीना, तुम्हारे दिल में छिपा हुआ,
तू बौर है बगिया की, पत्तों में छिपी हुई,
हालेदिल की रुस्वाई का सिला, है तुझ में छिपा हुआ!
चाँद में दाग है, पर दिल पर मेरे कोई दाग नहीं,
मुहब्बत तुम करोगी, तुम्हारा काम नहीं!!
प्यार के नाम पर तुम इक दाग के सिवा कुछ नहीं,
रुस्वाई- ए- अलम के नाम पर, इक तबस्सुम के सिवा कुछ नहीं,
तुम्हारा नाम झूठा, तुम्हारा काम झूठ का व्यापार,
शमां झूठी, परवाना झूठा, कलियों की अदा के सिवा कुछ नहीं!
इलाजेगम की कोई दवा तुम्हारे पास नहीं,
मुहब्बत तुम करोगी, तुम्हारा काम नहीं!!
जान की अमान पाऊँ तो इक बात समझाऊँ,
दुनिया में किसी का कोई नहीं, जान जाओ,
जब से दर्देदिल बताया, जख्मेजिगर दिखाया,
हमदर्दी के नाम पर कोई झांकने न आया!
जानता हूँ यही होता है, दिल में कोई अरमान नहीं,
मुहब्बत तुम करोगी, तुम्हारा काम नहीं!!
जान जाओ, यही मुहब्बत की दुनिया है,
सूरत ढल जाए तो सीरत भी चली जाती है,
इश्क के पायदान पर खड़े होकर उतरना भी पड़ता है,
तुम्हारी नजर उठ के, शरम से झुक क्यूँ जाती है?
प्यार का तुम्हारे, मुझ पर कोई अहसान नहीं,
मुहब्बत तुम करोगी, तुम्हारा काम नहीं!!
बाँसमंडी में इमारत अपने- आप गिर गई,
मलबे में कई दिन लाशें निकलीं,
किसी मुफलिस की अर्थी के लिए,
किसी ने दिया, खपच्ची भी नहीं!
' रतन' को कोई जोरो - अख्तियार नहीं,
मुहब्बत तुम करोगी, तुम्हारा काम नहीं!!
राजीव रत्नेश
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