Sunday, June 8, 2025

मै दश्त की आग का मंजर( शेर४)

तू नैन-नक्श से लगती हिरोइन;
मैं दश्त की आग का मंजर!
तू मेरी जान की दुश्मन;
मैं तरी फर्म का मैनेजर!
आके मिल जा तू मुझसे;
तेरा- मेरा एक ही शहर!
साथ- साथ चलेंगे सू- ए- मंजिल!
आजा साथ मेरे; बन जा हमसफर!

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ROM ROM SE KARUNAMAY, ADHARO PE MRIDU HAAS LIYE, VAANI SE JISKI BAHTI NIRJHARI, SAMARPIT "RATAN" K PRAAN USEY !!!