मस्तानी आँखें रहे - मयखाना दिखाए जाती हैं!
होंठ तेरे गुलाबी कँवल ही नहीं केवल;
शेर-ओ-शायरी का गुलदस्ता सजाए जाती है!
मोतियों से तेरे दाँतों की सुफेदी नजर आती है;
करामाती है आखिर तू भी; नजर मिलाए जाती है!
नाक की नथ तेरी; दिल को भरमाए जाती है;
नाक तेरी हमको बराबर आजमाए जाती है!
हरी ओढ़नी तेरी; आने वाली बरसात है क्या?
तेरी आँखों में मुझे क्यूँ शबनम नहीं दिखती है?
तेरी नाक भरी महफिल में मुझे शर्मसार नकर दे;
हर कहीं मुझे तेरी नाक ही नाक नजर आती है!
सबसे बढ़ कर तेरी नाक बहुत खूबसूरत है;
तेरी नाक के सिवा; दुनिया में कमी नथ की खलती है!
सूरत- शकल में तू दुनिया भर में; सबसे बढ़ कर है;
नैन-नक्श तेरे आले दर्जे के; कभी किसकी तुझे खलती है?
हम जलजले हैं; पर्वत भी डिगा के रख देंगे;
मानो हम वही हैं; जिसे तू मना नहीं कर सकती है!
तेरी राह आसान करने से; हम पीछे नहीं हट सकते हैं;
हम तेरी राह के फूल हैं; जिसे तू मसल नहीं सकती है!
तेरे अश्कों के सामने; सागर के मोतियों की क्या औकात है;
पैकर- ए- हुस्न में; सबसे खूबसूरत तेरी नाक लगती है!
तेरे रेशमी बालों में ऊँगलियाँ फिराने को दिल करता है;
तेरी जुल्फें आखिर; कमर के नीचे तक बल खाती हैं!
तेरी आँखें सूनी-सूनी; माँग सूनी है; थोड़ा मेरा एतबार करो;
अगले साल होली तक; तेरी माँग भी भरी जा सकती है!
बताओ आखिर मेरा प्यार; तुम्हारे पल्ले क्यूँ नहीं पड़ता है?
प्यार तेरा मुझे इस हद तक बेकरार करेगा; तू नही समझती है!
रोज आती है कानों के बुंदकें बदल-बदल कर;
भला तेरी खूबसूरती की भी; कोई मिसाल दी जा सकती है?
ये नथ पुरानी हो गई; अब इसे बदल डालो;
अगली दीवाली पर नई भी तो खरीदी जा सकती है!
लाल लिपिस्टिक ही क्यूँ लगाती है; क्या बदल नहीं सकती है;
मैरून या स्किनकलर की लिपस्टिक क्यूँ तुम्हें अच्छी नही लगती है?
ठोढ़ी तेरी मेरी हथेलियों में आ सकती है क्या?
उस पर तेरा चाँद चेहरा टिकाने की मेरी मर्जी हो सकती है
तेरी जवानी की कसम; तू अपना दीवाना बना के छोड़ेगी;
तेरी सहेलियाँ तेरे गले को पतली सुराहीदार बताती हैं!
इतनी उदास-उदास क्यूँ रहती हो आजकल तुम;' रतन' से कहो;
चलेंगे बाजार तो नथ और कंगन भी ली जा सकती है!
राजीव रत्नेश
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