Thursday, June 5, 2025

पहले सितम तो न ढ़ाती थी( शेर४)

पहले- पहले जब तू आई थी; गुलबदन थी;
साँसों से तेरी फूलों की महक आती थी;
गुलशन को हमारे जाने किसकी नजर लग गई;
पहले तू दिल पे सितम तो न ढ़ाती थी!

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