Sunday, June 29, 2025

तेरा इंतजार आज भी है( कविता)

मेरी बेताब नजर को तेरी दरकार आज भी है/
मेरे बेकरार दिल को तेरा इंतजार आज भ है/
मुद्दतों से तू मुझसे मिल न पाई है,
दिल की लगी आज तक बुझ न पाई है,
लिक्खा मेरा नाम तुमने किताबे- जिन्दगी के पन्ने पर,
वही स्याही की दवात उलट गई है,
मेरी तकदीर की चाँद, तू बेमिसाल आज भी है/
मेरी बुझी-बुझी आँखों को तेरा इंतजार आज भी है/
कहने भर को ही मैं तुझे भूला हूँ,
याद तुझे सुब्होशाम करता हूँ,
तू मेरी रौशन तकदीर आज भी है,
तेरी हाजिरी से मेरे ख्वाब सँवरते हैं,
माना तेरे प्यार का गुनहगार मैं आज भी हूँ/
मेरे बेकरार दिल को तेरा इंतजार आज भी है/
रास्ते के दरख्तों से तेरा पता पूछा मैंने,
चाँद-सितारों से तेरा इरादा पूछा मैंने,
तुझे ख्याले- जन्नत दिल से माना मैंने,
कहने भर को तू मिली थी, फिर बिछड़ने के लिए,
तेरे प्यार की पहली निशानी मेरे पास आज भी है/
मेरे बेकरार दिल को तेरा इंतजार आज भी है/
तू पहली थी, जिसे मेरा इंतजार रहता था,
तेरे लिए मैं ख्यालों से बेकरार रहता था,
तू पासवाँ होके बैठी, तो तुझे चाहा मैंने,
तू कब खुश है, कब खफा, अंदाज रहता था,
तेरी याद का, तेरे प्यार का तलबगार आज भी हूँ/
मेरे बेकरार दिल को, तेरा इंतजार आज भी है/
जमाने ने ही तुझे मिलने से रोका था मुझसे,
तेरे बाप ने ही दामन तेरा छुड़ाया था मुझसे,
दूर नजरों से तेरे भाई ने किया था मुझे,
तू मुझे नहीं चाहती है, कहा था मुझसे,
दिल पे मेरे उस वक्त क्या गुजरी थी, याद आज भी है/
मेरे बेकरार दिल को तेरा इंतजार आज भी है/
मुझे शहर छोड़ने को कहा गया था,
यूनिवर्सिटी जाने से मना किया गया था,
तुझसे मिल पाने पे रोक लगा दी जमाने ने,
तेरी हवेली के हर दरवाजे बंद हो गए थे मेरे लिए,
सोचा भी न था, प्यार का अंजाम ऐसा भी होगा/
मेरे बेकरार दिल को तेरा इंतजार आज भी है/
माना तू बहुत दूर किसी दूसरे शहर में है,
मुलाकात भी तुझसे हुई अपने शहर में ही,
अपनी ब्याहता को मिलवा दिया तुझसे मैंने,
अपना पता भी तो गलत दिया था मुझको तुमने,
मेरा खोया हुआ चाँद उदास आज भी है/
मेरा दिल तुझसे मिलने को बेकरार आज भी है/
माना तेरी माँग में सिन्दूर है और का,
पर तेरी माँग भरने का वादा मेरा था,
तेरे घर वालों को सबको पता था,
इसी वजह से गुलाल तेरे गालों पे मला था,
मंजिल के रास्ते में, तेरी रहगुजर से गुजरा था/
तेरे शहर में जाकर भी, न मिलने का अफसोस आज भी है/
मेरे बेकरार दिल को तेरा इंतजार आज भी है,
मेरी बेताब नजर को तेरी दरकार आज भी है!!

         राजीव रत्नेश
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