अपने सारे रंजोगम मेरी झोली में डाल दो!
हर दर्दो- आफत से तुझे निजात दिलाऊँगा;
अपने तब्बसुम- ओ- अरमान मेरे नाम कर दो!
अगर तू मुझे अपना समझ के हाले दिल बताए;
इक बार प्यार से मिरे साथ- साथ जो तू चले!
मैंने तेरे लिए गुलदस्ते में फूल सजाए हैं;
तुझे मालूम नहीं; पढ़ी मैंने तेरे दिल की अवाएँ हैं!
तू खुद गम की मारी है; तेरा दुख और क्या बढ़ाऊँ;
जिगर का छाला; दर्देदिल तुझे क्या सुनाऊँ!
तू मेरी जिन्दगी की इक हसी इबारत है;
इक बार प्यार से मिरे साथ- साथ जो तू चले!
आजमाने को तो तुझे; जमाने में बहुत मिले होंगे;
तेरा गम बाँटने और जनाने को बहुत मिले होंगे!
कोई कितनी भी तेरी शिकायत तुझसे दोहराए;
तुझे सब भुलवा देने का दावा करने वाले बहुत मिले होंगे!
मैं हर डगर; हर मोड़ पे; तेरे काम आऊँगा;
इक बार प्यार से मिरे साथ- साथ जो तू चले!
तू पहले इक ताजा खिली कली चमन की थी;
तेरे मुखड़े पर ; इक मुस्कान चमन की थी!
फिराके यार में निकलते तेरे आह और नाले थे;
मुझे मालूम है; तू मेरे लिए खुशबू चमन की थी!
पड़ गया है तुझपे; जाने किस गम का साया!
हर डगर; हर मोड़ पर तेरे काम आऊँगा;
इकबार प्यार से मिरे साथ- साथ जो तू चले!
तू मेरे दिल का इरादा है; मेरा पक्का वादा है;
मैंने आज तक जो कहा; वो कर के दिखाया है!
आज भी तेरे प्यार- ओ- नाम का दम भरता हूँ;
फक्त दिखावा ही नहीं; मेरी अजमत में तू सरापा है!
मैं हर डगर; हर मोड़ पर तेरे काम आऊँगा;
इकबार प्यार से मिरे साथ- साथ जो तू चले!
नजरों में फिर चाँद की शुआएँ; तेरे तैरेंगी;
बाद- ए- नसीम तुझे रोज पवनझकोरे भेजेगी!
डर न तू; हो जा दूर; हर सितमरानी से;
तेरे साथ हूँ; सूरज की किरनें तुझे सलाम भेजेंगी!
इकबार फिर से तू प्यार का जाम पी ले;
इकबार प्यार से; मिरे साथ- साथ जो तू चले!
मौसमे बरसात में तू और भी खिल जाएगी;
हर फांस तेरे दिल की खुद ही निकल जाएगी!
कूलों की तरह तेरी मुस्कराहट बिखर जाएगी;
तू चाहेगी तो हर खुशी तेरे दामन से लिपट जाएगी!
इक बार तू आगे आ; सलामेइश्क कबूल कर ले;
इकबार प्यार से; मिरे साथ- साथ जो तू चले!
राजीव रत्नेश
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