Saturday, June 7, 2025

समंदर पार न होगा( शेर९)

मेरे दिल की सदा अनसुना करते- करते;
आखिर ठहर क्यूँ गए साहिल पे?
अब भी लौट आओ; समंदर पार न होगा;
बिना मेरे कश्ती- ओ- पतवार के

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ROM ROM SE KARUNAMAY, ADHARO PE MRIDU HAAS LIYE, VAANI SE JISKI BAHTI NIRJHARI, SAMARPIT "RATAN" K PRAAN USEY !!!