Monday, June 2, 2025

तुम्हारी खातिर( शेर५)

तुम्हारी खातिर इक बार पहाड़ों से टकराऊँगा
तुम्हारी खातिर समन्दर की लहरें गिन कर बताऊँगा
खाली सीप से दिल न बहलेगा जानता हूँ
तुम्हारी खातिर मोती समन्दर के तल से निकाल लाऊँगा

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ROM ROM SE KARUNAMAY, ADHARO PE MRIDU HAAS LIYE, VAANI SE JISKI BAHTI NIRJHARI, SAMARPIT "RATAN" K PRAAN USEY !!!