Tuesday, June 3, 2025

फूल से खुशबू बनी( शेर९)

पहले नाखुदा थी मेरे जीवन की कश्ती की; 
फिर खुद- ब- खुद मेरा खुदा होती गई;
तुझे जान से ज्यादा; दिल में जगह दी थी;
फूल से खुशबू बनी; फिर हवा होती गई

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ROM ROM SE KARUNAMAY, ADHARO PE MRIDU HAAS LIYE, VAANI SE JISKI BAHTI NIRJHARI, SAMARPIT "RATAN" K PRAAN USEY !!!