Tuesday, June 3, 2025

आँखें नशीली क्यूँ बना ली तुमने ( शेर२)

चमन के फूलों से दूरी क्यूँ बना ली है तुमने;
मिलना मुझसे अपनी मजबूरी क्यूँ बना ली है तुमने?
सदा ए सहरा रोज हमें अपना समझ के बुलाती है;
अपनी आँखें कल से नशीली क्यूँ बना ली है तुमने?

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